"BirthDay Wishes" Greetings 4U🎁


"BirthDay Wishes For Friend" 🎁

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Shayari on Bewafai Sad Dard Shayari

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मुझसे नफरत करनी है तो बेशक कर
पर कमबख्त उतनी तो कर जितनी मैंने मोहब्बत की थी !!

कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का,
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला !!

शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ,
तुम ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे !!

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह !!

तुम बेवफा होकर भी कितने अच्छे लगते हो,
खुदा जाने तुम में वफा होती तो क्या होता !!

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रोज ढलता हुआ सूरज कहता है मुझसे,
आज उसको बेवफा हुए एक दिन और बीत गया !!

जब लाश आयी मेरी तो सारी दुनियां को हिला दिया,
डॉक्टरों को पोस्टमार्टम करने पर दिल ही नहीं मिला !!

क्यूँ दुनिया वाले प्यार को ईश्वर का दर्जा देते है,
मैंने तो आज तक नहीं सुना की ईश्वर ने बेवफ़ाई की हो !!

बना के छोड़ देते है अपने वजूद का आदि,
कुछ लोग इस तरह भी मोहब्बत का सिला देते है !!

तेरी बेवफाई पर इतना ही कहुँगा रानी,
मै खुद को इस काबिल बनाऊँगा की तेरी आँखे मेरे दीदार को तरसेगी !!

तू डालता जा शराब मेरे प्याले में,

जब तक ना निकले वो मेरे खयालो से !!

हम बदनसीब सही पर दिल के बुरे नहीं,
तेरी बेवफाई को भी ज़िन्दगी भर याद करंगे !!

इरादा कत्ल का था तो सर कलम कर देते तलवार से,
क्यू इश्क़ में डाल के तुमने हर सांस पे मौत लिख दी !!

जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह,
बस इतने से बेवफा थे वो !!

भुला देंगे तुझे जरा सबर तो कीजिये,
आपकी तरहा मतलबी होने में थोडा वक्त लगेगा !!

तेरा इश्क भी बिहार के चुनाव जैसा था पगली,
हवा इधर की थी रुझान उधर का निकला !!

कया हुआ जो जिन्दगी बर्बाद कर दी,
जीना भी तो उसी ने ही सिखाया था कभी !!

 
ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी,
नहीं हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सजाएँ कैसी !!

बहुत दर्द देती है ये मोहब्बत ऐ खुदा,
तू बेवफाओं की अलग दुनिया बना दे !!

अफसोस इस बात का नहीं की बेवफाई मीली मुझ को,
अफसोस इस बात का है की तुम भी बेवफा मीली मुझ को !!

लोग मुझसे सिर्फ नफ़रत ही कर सकते है क्यूंकि,
प्यार मैं जिससे बेशुमार करती थीवफ़ा तो उसने भी नहीं की मुझसे !!

मौसम की तरह बदलते है उस के वादे,
उपर से ये ज़िद की तुम मुझ पे एतबार करो !!

चलो तोड़ते है आज ज़िंदगी के सारे उसूल अपने,
अब के बरस बेवफाई और दगाबाजी दोनों हम करेंगे !!

वो बेवफा है तो बुरा ना कहो उसे,
किसी और से प्यार कर लो और दफ़ा करो उसे !!

मोहब्बत करके क्या पाया मैंने,
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई !!

तुझे तो प्यार कभी था ही नहीं ऐ बेवफा,
तूने तो अपनी तन्हायी दुर करने के लिये हमे तन्हा कर दिया !!

मोहब्बत भी चाहते हो और मुक्म्म्ल वफ़ा भी,
जनाब आप तो धुंए के बादलों से बरसात माँग रहे हो !!

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कुछ लोग इतने गरीब होते है की,
देने के लिए कुछ नहीं होता तो धोखा दे देते है !!

जानता था की वो धोखा देगी एक दिन पर चुप रहा,
क्यूंकि उसके धोखे में जी सकता हूँ पर उसके बिना नहीं !!

बहुत दिन हो गऐ मोहब्बत लफ्ज सुनकर,
कल बेवफा सुना तो तुम याद आ गये !!

जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई बर्बाद कर देगी मुझे,
तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़े में कहा की बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही !!

ये तेरा वहम है की हम तुम्हे भूल जायेंगे,
वो शहर तेरा होगा जहाँ बेवफा लोग बसा करते है !!

इज़ाज़त हो तो कुछ अर्ज़ करूँ,
खेल चुके हो तो दिल वापस कर दो !!

मुझे मालुम है वह किसी और की हो गई है यारो,
लेकिन इस दिल का क्या करे जो उसी बेवफा पे मरता है !!

आज तक तूने जितने भी झूठ बोले उन में से,
मैं सिर्फ तेरी हूँ ये line मेरी सबसे favourite है !!

आज भी दिल का हर एक कोना,
तेरी मोहब्बत के वादो से भरा पङा है !!

ना रोया कर सारी-सारी रात किसी बेवफा की याद में,
वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी दुनिया उजाड़ कर !!

वफ़ा हम उनसे कुछ इस तरह निभाया करते थे,
वो क़त्ल की सोचते थे मेरा और हम खंजर तोहफे में दिया करते थे !!

बदनसीब मैं हूँ या तू है ये तो वक़्त ही बतायेगा,
बस इतना कहता हूँ की अब कभी लौट कर मत आना !!

दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा,
मोहब्बत में बेवफाओं पर कहाँ मुकदमा होता है !!

काश की कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओ का,
और वो मुझसे लिपट कर कहे की मेरा नाम मत लेना !!

ऐ दोस्तों अपने जले हुए दिल की राख लेकर आया हूँ,
ताबीज़ बना के रख लो ताकी कोई वेबफा से मुलाकात न हो !!

मुझे मालूम है की मैं उसके बिना ज़ी नहीं सकता,
उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिए !!

नहीं जानती क्या रिश्ता है तुझसे मेरा ऐ बेवफा,
मन्नतों के हर धागे में एक गाँठ तेरे नाम की बाँधता हूँ मैं !!

मैं गलत था शायदआखिर था भी पहला प्यार,
वो सही ही होगीउसे पहले भी हुआ था कई बार !!

भुला देंगे तुम्हे भी जरा सब्र तो कीजिये,
आपकी तरह मतलबी होने में जरा वक्त लगेगा !!

अच्छा हुआ जो छोड़ दिया तुमने अपना बनाकर,
भूल गई थी की और भी है चाहने वाले मेरे !!

वजह पूछी जो गिरगिट से उसकी उदासी की मैंने,
तो बोला की मैं शर्त हार गया हूँ तेरे महबूब से रंग बदलने में !!

कर सकता था मैं भी मोहब्बत तुमसे,
पर सोचा की हसीन हो तो बेवफा भी होगी ही !!

सुना है आग लग गयी है बेवफाओं की बस्ती में,
या खुदा मेरे मेहबुब की खैर रखना !!

दिल भर ही गया है तो मना करने में डर कैसा,
मोहब्बत में बेवफओ पर कोई मुकदमा थोड़ी ना होता है !!

हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे,
कोइ तो आये एेसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो !!

प्यार थामोहब्बत थीइश्क़ था और अदा थी,
वफ़ा भी होती तो क़यामत था वो शख़्स !!

वो मेरा वहम था की वो मेरा हमसफ़र है,
वो चलता तो मेरे साथ था लेकिन किसी और के लिए !!

सोच की अगर मैं तेरी तरह होता तो,
तु कब की खुदकुशी कर गई होती !!

दर्द क्या होता है वो बेवफा क्या जाने,
उसे तो हर कदम पर वफा ही मिलती है !!

मेरे और तुम्हारे नजरिये में इतना फ़र्क़ था,
तुम्हे वक़्त गुजारना था और मुझे ज़िन्दगी !!

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बहुत दिन हो गये मोहब्बत लफ्ज सुनकर,
आज बेवफा सुना तो तुम याद आ गये !!

मैं फिर से कर लूँगा मोहब्बत तुमसे,
एक बात बताओ की इसबार वफ़ा कितने दिन तक करोगे !!

अगर दिल तोङने पर ईनाम मिलते तो,
मेरी मेहबूबा मालामाल होती !!

वो अक्सर कहता है मुझसे की बड़ी मज़बूरीयाँ है वक़्त की,
साफ लफ़्जो में वो खुद को कभी बेवफ़ा नहीं कहता !!

वादा ‪‎दोनो ने किया जीना मरना साथ,
कहीं जिस्म नीला हुआ कहीं पीले हाथ !!

नाता हम दोनों का टूटा ही कब था,
बस तूने ही कहीं और दिल लगा लिया !!

कब तक तेरी बेवफ़ाई को हादसा समझू ,
तूने तो शहर में मेरा तमाशा बना रखा है !!

कैसे रखता मैं उस परिंदे को अपने दिल के पिंजरे में,
उस बेवफा का तो शौक ही था डालियाँ बदलने का !!

बनाई थी झोपड़ी मैंने भी इश्क की,
तेरी बेवफाई की तेज बाढ़ ने उसे भी खंडन कर दिया !!

नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ की दूकान से,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई की !!

एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की,
पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशें भी बेवफा निकली !!

किसी को इतना भी न चाहो की भुला न सको,
क्यूंकि ज़िंदगीइन्सान और मोहब्बत तीनों बेवफा है !!

जब किया हमने सवाल ए वफा तो वो मुस्करा के बोले,
हमने मोहब्बत ही कब की थी जो तुमसे वफा करते !!

हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है,
तुझे चाहा इसलिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये !!

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो ए दोस्त,
वरना मज़बूरी का नाम लेकर बेवफाई तो सभी करते ही है !!

समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी !!

कोई बात नहीं गर तेरे लाख गुनाह हो,
पर गुनाह ए बेवफाई काबिल ए माफ़ी नहीं !!
  
तुम्हें छोड़ दूं तो मर ना जाऊँ,
कुछ इस तरह के थे वादे उस बेवफा के !!

धोखा देना हर लड़की का काम होता है,
मजबूरी तो बस छुपाने का नाम होता है !!

कहीं तुम भी न बन जाना पन्ना किसी किताब का,
लोग बडे गौर से पढ़ते है किस्से बेवफाओं के !!

वो बेवफा अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना,
वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं !!

शर्त भी अजीब रख दी उस बेवफा ने मिलने की,
सूखे पत्तों पर चल कर आना और आवाज भी ना हो !!

इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा,
हुस्न पर क्या इतराना जो मेहमान है कुछ दिन का !!

एक चेहरा पड़ा मिला आज रास्ते पर मुझे,
ज़रूर किरदार बदलते वक़्त उसीका गिरा होगा !!

जो लड़कियां प्यार में बेवफा निकलती है,
वो अक्सर अपने माँ बाप की वफादार होती है !!

जब निकले मेरा जनाजा तो खिड़की से झांक लेना,
फूल तो बहुत महंगा पड़ेगा पत्थर तो मार देना !!

मुझे गम नहीं तेरी बेवफाई का,
मैं मायूस हूँ बस अपनी वफ़ा से !!

दूर गगन में उड़ कर भी लौट आते है,
परिंदे इंसान की तरह बेवफ़ा नहीं होते !!

चलो ये जिन्दगी भी अब तुम्हारे नाम करते है,
सूना है बेवफा की बेवफा से खूब बनती है !!

कोई तुझसा ही तुझको मिले,
वास्ता हमको इंतकाम से नहीं अब !!

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तुम मत करो रातों को जागने की कोशिश,
बेवफा हो तुमसे नहीं होगा !!

पिछले बरस था खौफ तुझे खो ना दूँ,
अब के बरस दुआ है तेरा सामना ना हो !!

तराजू मोहब्बत का था,
बेवफाई भारी पड गयी !!

उन्हे याद तो हम भी आते ही होंगे,
वफाओं का जब कहीं जिक्र होता होगा !!

डर रहा हूँ आजकल मैं वफाओं से,
लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं की हम बेवफा है !!

क्या मिला उस बेवफा को हमसे नाता तोड़ कर,
आज खुद भी तनहा फिर रहा है हमको तनहा छोड़ कर !!

उस बेवफा ने फ़िर से सलाम भेजा है,
उसकी फिर किसीसे बिगड़ गयी होगी !!

कितने आसान लफ्जों मे कह गई मुझे,
सिर्फ दिल ही तोड़ा है कौन-सी जान ले ली तेरी !!

इजाज़त हो तो तेरे चहेरे को देख लूँ जी भर के,
मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा !!

ऐ बेवफा चल एकबार देख पीछे मुड़कर,
मैं जरा देख तो लु की वो इश्क ही था या सिर्फ एक धोखा !!

आजकल मंदिर में भी नहीं दिखती हो,
क्या खुदा भी बदल लिया है तूने !!

मुद्दतें हो गयी है तुमसे वफ़ा करते हुए,
शर्म सी आती है अब तो तेरे लिए दुआ करते हुए !!

ना जाने किस कालेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने,
की मुझसे किये सारे वादे फर्जी निकले !!

उन्हें इश्क़ हुआ था,
मुझे आज भी है !!

तुम बेवफा होकर भी कितने अच्छे लगते हो,
रब जाने तुम में वफा होती तो क्या होता !!

उसने मुझसे पूछा की तुम्हारी सबसे बड़ी गलतफहमी क्या थी,
मैंने कहा की तुमसे वफ़ा की उम्मीद करना !!

चलो ये जिन्दगी भी तुम्हारे नाम करते है,
सूना है बेवफा की बेवफा से खूब बनती है !!

सिर्फ तुम्हें चाहा और हद से ज्यादा चाहा,
बस यही वजह बनी जिन्दगी बरबाद करने की !!

हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है,
न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!

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क्या ज़रुरत थी चोट-ए-बेवफाई की,
नादान दिल झूठे वादों में ही खुश था !!

फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में,
की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया !!

किस हक़ से मांगू अपने हिस्से का वक्त तुमसे,
क्यूंकि ना ये मेरा है और ना ही तुम मेरे हो !!

पिंजरे में क़ैद करो या हमारे पर काटो ए बेवफा,
हम तो तुम्हारे जाल में फसे हुए परिंदे की तरह है !!

ए बेवफा कोई सुलह करा दे,
मुजे आज बड़ी तलब लगी है मुस्कुराने की !!

ना रखो किसीसे मोहब्बत की उम्मीद ऐ दोस्तों,
ख़ुदा की कसम लोग खूबसूरत बहुत है पर वफ़ादार नहीं !!

जा पगली जी ले अपनी जिन्दगी,
मैं मोहब्बत का राजा हूँ जो गद्दारों के मुह नहीं लगता !!

हाँ वो शख्स झूठा ही लगता है अब,
जो कहता है तुम्हारा साथ नहीं छोड़ेंगे !!

कितनी भी सच्ची मोहब्बत कर लो,
बेवफा लोग साथ छोड़ ही देते है !!

सोच रहा हूँ की मुझे वफ़ा करने पर ऐसी सज़ा मिल रही है,
तो उस बेवफ़ा का क्या होगा जिसने मुझे मिट्टी में मिलाया है !!

मैंने देखा है तुझे गैरों से दिल लगाते हुए,
मेरे यकीन की कश्तिया यूँ ही तो नहीं डूबी !!

वफ़ा की उम्मीद करू भी तो किससे करूँ मैं,
मुझे तो मेरी जिन्दगी भी एक बेवफा ही लगती है !!

पूरी रात रोती रही बरसात भी मेरे संग,
तू तो बेवफ़ा है तुझे सोने से फ़ुर्सत कहाँ है !!

सुन बेवफा अपना दिल निकालती हूँ मैं,
तूम फिर एक बार फरेब से निशाना लगाना !!

तुझपे तो चाहतों की इन्तेहा की थी मैंने,
बता तुझे किसी और का होने की जरुरत क्या थी !!

ना जाने मेरी मौत कैसी होगी,
पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी !!

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जब से तू दगा कर गया है,
तब से मुझे अपनी परछाई से भी डर लगता है !!

डूबी है मेरी उंगलियाँ मेरे ही खून में,
ये काँच के टुकड़ो पर भरोसे की सज़ा है !!

इतनी शिद्दत से उसने की है बेवफ़ाई,
अब टूटना तो मेरे दिल का फर्ज़ बनता है !!

मेरी वफ़ाओं का मुझको सिला वो क्या देगी,
मैं जानता हूँ की मजबूरियाँ गिना देगी !!

मेरे क़दम भी रुक गये उसके माथे पर सिंदूर देख कर,
उसने भी देखो यारों अपनी कार का शीशा चढ़ा लिया !!

आंखे बंद करके चलाना खंजर मुझ पर,
कहीं मैं मुस्कराया तो तुम पहले मर जाओगे !!

मेरे शिकवों पे उसने हंस कर कहा,
किसने की थी वफ़ा जो हम करते !!

पहले जो मुझे अपना खुदा माना करती थी,
आज किसी और को अपनी ज़िंदगी बनाए बैठी है !!

अब किसी और के वास्ते ही सही,
तेरे मुस्कुराने के अंदाज़ वैसे ही है !!

कोई उम्मीद नहीं थी उनसे वफ़ा की हमें,
बस एक जिद थी की दिल टूटे तो उनके हाथों से !!

जिस पर भी यकीन करो वही छोड़ने की सोचता है,
ना जाने दुनिया वालों को वफ़ा अच्छी क्यूँ नहीं लगती !!

तुझे क्या फर्क पड़ेगा मुझसे बिछड़ने से,
सच्ची मोहब्बत तो मेरी है तेरी नहीं !!

हम आपसे थोडा गुस्से क्या हुए,
आप तो सच में बेवफा हो गए !!

सोचती हूँ अब खुद पर ही लगा दूँ इल्जाम,
दिल मानता ही नहीं की तुम बेवफा थे !!

हर किसीके दिल में बसते हो,
ए सनम तुम कितने सस्ते हो !!

जिंदगी बेरुखी सी हो गयी है,
जब से उस शख्स को किसी और से मोहब्बत हो गयी है !!

धोखा देने के लिए शुक्रिया पगली की,
तुम ना मिलती तो दुनिया समझ में ना आती !!

ज़माना वफ़ादार नहीं तो क्या हुआ,
बेवफा भी तो अक़्सर अपने ही हुआ करते है !!

वो शक्श एक छोटी सी बात पे यूँ रूठ कर चल दिया,
जैसे उसे सदियो से किसी बहाने की तलाश थी !!

मोहब्बत किसे कहते है मुझे नहीं मालूम,
ये वो रिश्ता है जो मेरा उससे और उसका किसी और से है !!

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है,
बस जिक्र करने का हक़ नहीं रहा !!

नफ़रत सी हो गई है इस दुनिया से,
एक तुम से मोहब्बत करके !!

जब तक न लगे बेवफाई की ठोकर ए दोस्त,
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज होता है !!

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वो ज़हर देकर मारते तो दुनिया की नज़रो में आ जाते,
अंदाज़ ए क़त्ल तो देखो की मोहब्बत करके छोड़ दिया !!

सच मे Digital हो गया India,
अब दिल भी online तोड़ने लगे है वो !!

इस से ज्यादा और क्या सजा दू मैं अपने आप को,
ये काफ़ी है की मैं तेरे बिन रहने लगी हूँ !!

समेटकर ले जाओ अपने झुठे वादो के अधुरे किस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी जरूरत पड़ेगी !!

तुम ना मौसम थेना किस्मतना तारीखना ही दिन,
किसको मालूम था की इस तरह बदल जाओगे !!

मत सोना कभी किसी के कन्धे पर सर रख कर,
जब ये बिछडते है तो रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती !!

मत डर ऐ बेवफाखुदा तेरी बेवफाई का हिसाब नहीं करेगा,
हम खुद को बेवफा और तुम्हे इश्क की मिशाल बताकर आये है !!

मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना,
मैं नहीं चाहता की वो खेलना छोङ दे !!

सुलूक-ए-बेवफाई तो हम भी कर सकते थे,
पर तू रोये ये हमे गवारा नही था !!

तेरे हुस्न पे तारीफो भरी किताब लिख देता,
काश तेरी वफ़ा भी तेरे हुस्न के बराबर होती !!

मौत की हिम्मत कहां थी मुझसे टकराने की,
कमबख्त ने मोहब्बत को मेरी सुपारी दे डाली !!

बड़ी बारीकी से तोडा हैउसने दिल का हर कोना,
मुझे तो सच कहुँउसके हुनर पे नाज़ होता है !!

कैसा अनोखा रिश्ता है,
दिल आज भी धोखे में है और धोखेबाज़ दिल में !!

अब तो उदासियो में जिने की आदत बन गयी है,
हो गये है गैर वो लौग जो कभी अपने हुआ करते थे !!

वफादार और तुम ख्याल अच्छा है,
बेवफा और हम इल्जाम भी अच्छा है !!

मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ,
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी !!

मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ,
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी !!

भूल जाने का मशवरा और जिन्दगी बनाने की सलाह,
ये कुछ तोहफे मिले थेउनसे आखिरी मुलाकात में !!

अगर बेवफाओ की अलग ही दुनिया होती,
तो मेरी वाली वहाँ की रानी होती !!

अगर इतनी नफरत है मुझसे तो कोई ऐसी दुआ कर,
जिससे तेरी दुआ भी पूरी हो जाऐ और मेरी जिन्दगी भी !!

लिख कर क्या करें हम अपने दिल की दास्ताँ,
उस बेवफा को तो हमारी हर बात झुठी लगती है !!

मुझे मालूम है मैं उसके बिना जी नहीं सकती,
उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिये  !!

गलत कहते है लोग की सगंत का असर होता है,
वो बरसों मेरे साथ रही फिर भी बेवफ़ा निकली यारो !!

जाते वक्त बहोत गुरूर से कहा था उसने की तुम जैसे हजार मिलेंगे,
मैंने मुस्कुरा कर कहा की मुझ जैसे की ही तलाश क्यों ?

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तूने हमें छोड़ दिया कोई बात नहीं,
हम दुआ करेंगे की कोई तुझे ना छोड़े किसी और के लिए !!

तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये,
मैं किससे पूछूँ मेरी खता क्या है !!

बस यही सोच कर तूझसे मोहब्बत करता हूँ की,
मेरा तो कोई नही मगर तेरा तो कोई हो !!

आज अजीब सी ख्वाहिश उठी है मन में.
कोई मुझे टूट कर चाहे और मैं बेवफा निकलूँ !!

तुम बेवफा नहीं यह तो धड़कनें भी कहती हैं,
अपनी मजबूरियों का एक पैगाम तो भेज देते !!

बददुआ नहीं देता फकत इतना ही कहता हूँ,
की जिस पे आ जाये तेरा दिल वो बेवफा निकले !!

मैं कमजोर नहीं हूंहै बेवफा की मेहरबानी,
मेरे आंसूओ से ही हैगंगा में पानी !!

हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,
फिर वही शायरीफिर वही इश्कफिर वही तुम !!

ज़िन्दगी तुझ से एक सबक सीखा है मैंने,
वफ़ा सब से करोवफ़ा की उम्मीद किसी से न करो !!

लाश पता नहीं किस बदकिस्मत की थी,
मगर क़ातिल के पैरो के निशान बड़े हसीन थे !!

जिनकी शायरियो में होती है सिसकिया,
वो शायर नहीं किसी बेवफा के दीवाने होते है !!

तेरी यादें हर रोज आती है मेरे पास,
लगता है तुमने बेवफाई नहीं सिखाई इसको !!

कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ,
वो जो दर्द का सौदागर थामोहब्बत छोड़ दी उसने !!

जरा दिल से पुकार के तो देख....
आज भी मेरा नाम तेरी जुबान पे अच्छा लगता है !!

जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा मुझसे,
अपनी ज़िंदगी जी लेनावैसे प्यार अच्छा करते हो !!

मुकर जाने का कातिल ने निराला ढंग निकाला है,
हरेक से पूछता है की उसको किसने मार डाला है !!

जाते रहे मंदिर-मस्जिद मांगने जिसकी खैर,
वो छोड़ चला हमें समज के कोई गैर !!

हम से मोहब्बत का दिखावा ना किया कर,
हमे पता है तेरी मोहब्बत की डिगरी फरजी है !!

सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो,
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है !!

मेरे क़दमों में पूरी कायनात भी रख दी गई थी ए बेवफा,
हमने तब भी तुम्हारी यादों का सौदा नहीं किया !!

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वो जिसे समझती थी ज़िन्दगीमेरी धड्कनों का फरेब था,
मुझे मुस्कुराना सिखा केवो मेरी रूह तक रुला गयी !!

मैं फिर से कर लूंगा मोहब्बत तुमसे,
एक बात बताओ की इस बार वफ़ा कितने दिन तक करोगे !!

बेहद हदें पार कि थी हमने कभी किसी के लिए,
आज उन्ही ने सिखा दिया है हमें हद में रहना !!

बेशक वो बेवफा है फिर भी उसकी यादें,
कभी कभी मेरे चहेरे पर मुस्कराहट ला देती है !!

एक बात कहू ए बेवफा बुरा तो नहीं मानोगी,
बड़ी ही मौज के दिन थे तेरी पहेचन से पहले !!

कितने दर्दनाक थे वो मंज़रजब हम बिछड़े थे,
उसने कहा था जीना भी नहीं और रोना भी नहीं !!

हर किसी की जिंदगी का एक ही मकसद है,
खुद भले हो बेवफा लेकिन तलाश वफा की है !!

अगर मोहब्बत नहीं थी तो बता दिया होता,
तेरे एक चुप ने मेरी ज़िन्दगी तबाह कर दी !!

कल उसका फोन आया ओर बहुत अकड़ के बोली,
भूल जाना मुझेमैंने भी कह दिया की कौन बोल रही हो तुम !!

हो सके तो दूर रहो मुझसे,
टूटा हुआ हूँ चुभ जाऊँगा !!

गुजर गया वक्त जब हम तुम्हारे तलबगार थे,
अब जिंदगी बन जाओ तो भी हम कबूल नहीं करेंगे !!

एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये,
मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ पीले हो गए !!

तेरे इश्क का सुरूर था जो खुद को बर्बाद किया,
वरना दुनिया मेरी भी दीवानी थी !!

दोस्तो ! किसी ने मेरा दिल तोड़ा है,
अब आप ही बताओ जान दुँ या जाने दुँ !!

बहोत खुबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत भी,
कम से कम कोई बेवफा तो नहीं कहलाता है !!

गुमराह करते तो हम भी आरजू होते किसी की,
ख़ता यही हुई की दिल को खोल के रख दिया !!

मैं बोता रहा बन्जर ज़मीन पर इश्क के बीज,
और तेरा हर वादा सरकार का मुआवजा निकला !!

अब मायूस क्यूँ है उसकी बेवफाई से ए दोस्त,
तुम ही तो कहते थे की वो जुदा है सबसे !!

बदनाम क्यों करते हो तुम इश्क़ को ए दुनिया वालो,
मेहबूब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क़ का क्या कसूर !!

उनकी दुनिया में हम जैसे हजारो है,
हम ही पागल है जो उसे पाकर मगरूर हो गए !!

खाए है लाखों धोखेएक और सह लेंगे,
तू ले जा अपनी डोलीहम अपने जनाजे को बारात कह लेंगे !!

मजा चख लेने दो उसे गैरों की मोहब्बत का भी,
इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो औरों का क्या होगा !!

सब्र रखो बहूत जल्द ही महसूस होगा तुम्हे,
मेरा होना क्या था और मेरा ना होना क्या है !!

मै खुश हूँ की उसकी नफ़रत का अकेला वारिस हूँ,
वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है !!

एक उम्र हुई मैं तो हंसी भूल चुका हूँ,
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले !!

परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में,
ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया !!

यूँ मत तड़पा Online दिखा के,
अब छोड़ ही दिया है तो Block भी कर दे !!

हमने उतार दिये है तेरी मोहब्बत के सभी क़र्ज,
अब हिसाब तेरे दिये हुये जख्मो का होगा !!

उसका प्यार भी क्या कमाल का था,
धोखा भी खुद देती है और इलज़ाम भी खुद ही लगाती है !!

ये सोचकर मैने उस से दवा नही मांगी,
की दर्द दिया जिसने वो दवा क्यूं देगा !!

इश्क लफ्ज़ ही अधूरा सा है,
बेवफा पूरा सा है !!

मोहब्बत तो पूरी हो गई,
चलो अब ज़ख़्म गिनते है !!

दुश्मन सामने आने से भी डरते थे,
और वो पगली दिल से खेल के चली गई !!

तन्हाइयों का दिल में एक काफिला हुआ,
तेरे मेरे दरम्यान जब ये फांसला हुआ !!

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क्यों वफा ढूंढते हो बेगानों की बस्ती में,
वो देखो बेवफा जा रही है कितनी मस्ती में !!

मेरी मौत की खबर उसे ना देना मेरे दोस्तो,
घबराहट होती है की कहीं पागल ना हो जाये वो इस खुशी में !!

मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी !!

बेशक तू बदल ले अपनी मोहब्बत लेकिन ये याद रखना,
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नहीं समझ सकता !!

बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा,
हम तो वो दीवाने हैजिन्हे किसी की नफरत से भी प्यार था !!

हमें पता था की तुम्हारी मोहब्बत के जाम में ज़हर है,
लेकिन पिलाने में प्यार इतना था की हम ठुकरा ना सके !!

चलो ये भी अच्छा हुआ हम उन्हे हासिल ना कर सके,
अगर वो मेरा होके बिछडता तो कयामत होती !!

कुछ नहीं चाहिए था हमे तुमसे,
एक रिश्ता भी निभा नहीं पाये तुम !!

आजा की अब लाश तेरी गलियों से गुज़र रही है,
देखो मरने के बाद भी हमने रास्ता नही बदला !!

अजीब लड़की थी वो,
जिन्दगी बदलकर खुद भी बदल गयी !!

मेरे दील की हालत भी मेरे वतन जैसी है,
जीसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद किया !!

तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई,
वरना इतनी सादगी से बरबाद कोई गैर नहीं करता !!

मैंने हीरे की तरह उसको तराशा तो बहोत,
मगर वो जात की पत्थर थी और पत्थर ही रही !!

मोहब्बत सच्ची हो और सनम बेवफा ना होयारों !
कहानी कुछ अधूरी-सी लगती है !!

सुना है नफरत की दुकान खोल रहे हो,
थोडी मोहब्बत भी रख लेना दिखावे के लिये !!

बड़ी दूर चले आए थे तेरे झूठे वादों को सच्चा मान,
मोहब्बत के पंखों से दिखाउंगा अब तुझे मैं नफरत की उड़ान !!

उन पंछियों को कैद में रखना आदत नहीं हमारी,
जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर गैरो के साथ उड़ने का शौक रखते हो !!

फरेबी भी हूँज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ,
मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते !!

ऐ दिल सो जा अब तेरी शायरी पढ़ने वाली,
किसी और शायर की गजल बन गयी है !!

इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमे,
तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा !!

मेरा प्यार सच्चा था इसलिए तेरी याद आती है,
अगर तेरी बेवफाई भी सच्ची है तो अब यादों में मत आना !!


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